चिरंजीवी योजना के अंतर्गत पथरी का इलाज़ : महत्वपूर्ण जानकारी और आवेदन प्रक्रिया
पथरी एक सामान्य समस्या है जो किसी भी वयस्क या बच्चे को प्रभावित कर सकती है। कुछ गुर्दे की पथरी के लिए - आकार और स्थान के आधार पर - आपका डॉक्टर एक्स्ट्राकोर्पोरियल शॉक वेव लिथोट्रिप्सी (ईएसडब्ल्यूएल) नामक एक प्रक्रिया की सिफारिश कर सकता है। ईएसडब्ल्यूएल मजबूत कंपन (शॉक वेव्स) पैदा करने के लिए ध्वनि तरंगों का उपयोग करता है जो पत्थरों को छोटे टुकड़ों में तोड़ देता है जो आपके मूत्र में पारित हो सकते हैं।
चिरंजीवी योजना भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक योजना है जिसका उद्देश्य गरीब और असमर्थ लोगों को उच्च गुणवत्ता वाले चिकित्सा सेवाओं का लाभ देना है। इसके अंतर्गत, पथरी जैसी बीमारियों का इलाज भी शामिल है।
चिरंजीवी योजना में पथरी के इलाज़ के लिए आवश्यक दस्तावेज:
योजना में लाभ लेने के लिए मरीज का जनाधार कार्ड चालू होना अनिवार्य है। पात्रता मानदंड और आवेदन प्रक्रिया के बारे में संबंधित CMHO विभाग से संपर्क करे ।
अगर मरीज किसी अनुमोदित अस्पताल में चिरंजीवी योजना से पथरी का इलाज़ करवाना चाहते है तो उन्हें उसी दिन अपने जनाधार कार्ड और आधार कार्ड होने की सूचना चिरंजीवी काउंटर पर स्वास्थ्य मार्गदर्शक को सूचित करना अनिवार्य होगा।
जिस बिमारी / डॉक्टर से चिरंजीवी योजना में इलाज़ होना है वो अस्पताल में चिरंजीवी योजना से जुड़ा होना जरूरी है
डॉक्टर की पर्ची होना अनिवार्य है जिसमे-
डॉक्टर द्वारा मरीज के बीमारी का डायग्नोसिस,
साथ ही उसकी कंप्लेंट हिस्ट्री और पूर्व में कोई बीमारी है तो उसके बारे में स्पष्ट रूप से लिखा होना चाहिए,
मरीज को होने वाली सर्जरी का विवरण होना चाहिए ,
चिरंजीवी के कोड एवं डॉक्टर के सील (RMC No.) और हस्ताक्षर होना भी अनिवार्य है
पथरी के इलाज़ के लिए डॉक्टर द्वारा लिखित मरीज के बीमारी के अनुसार जाँचो (जैसे USG / CT) का होना ज़रूरी है। बिना जाँचो के चिरंजीवी में इलाज लेना संभव नहीं है।
जन आधार, आधार और मेडिकल डाक्यूमेंट्स में मरीज का नाम एक ही होने चाहिए। नाम अगर मेल नहीं होता तो मरीज को एक एफिडेविट जमा करवाना अनिवार्य होगा।
आवेदन प्रक्रिया:
1. सबसे पहले मरीज के अस्पताल द्वारा बिमारी से सम्बंधित दस्तावेज देखे जाते है। जिसमे पूर्ण डॉक्टर की पर्ची एवं बीमारी से संबंधित जाँचो पर डॉक्टर के सील और हस्ताक्षर साथ ही डॉक्टर का रजिस्ट्रेशन नंबर (RMC) लिखा होना अनिवार्य है।
2. चिरंजीवी के अंतर्गत अलग अलग बीमारियों के इलाज दिए जाते है। मरीज को बीमारी के अनुसार भर्ती से पूर्व जांचे करवाना अनिवार्य है। इको एवं अन्य रेडियोलोजी रिपोर्ट्स के साथ उनकी फिल्म होना भी अनिवार्य है।
बीमारियों की सूचि के साथ उसमे होने वाली जाँचो की सूचि के लिए आप चिरंजीवी की ऑफिसियल साइट पर देख सकते है।
3. मरीज के भर्ती के समय चिरंजीवी योजना के अंतर्गत, मरीज की फोटो एवं बायोमेट्रिक की प्रक्रिया की जाती है। इसमें अस्पताल द्वारा मरीज के दस्तावेज पोर्टल के माध्यम से आगे चिरंजीवी में भेजे जाते है। पोर्टल पर मरीज़ की सामान्य स्थति होने पर आगे से प्री अप्रूवल मिलने के बाद ही मरीज को उपचार दिया जाता है (इमरजेंसी के केस में अप्रूवल की प्रतीक्षा नहीं की जाती है।)। अप्रूवल मिलने का समय लगभग 2 से 4 घंटे रहता है और अधिकतम 12 घंटे रहता है। भर्ती की यह पूरी प्रक्रिया एक मरीज के लिए लगभग 15 से 20 मिनट रहती है।
4. डिस्चार्ज के समय अस्पताल द्वारा दस्तावेज तैयार किये जाते है जिन्हे मरीज की लाइव फोटो एवं डॉक्टर के साथ भी मरीज की फोटो पोर्टल पर अपलोड की जाती है। साथ ही मरीज का फीडबैक फॉर्म मरीज द्वारा भरवाकर उसे पोर्टल पर अपलोड किया जाता है।
क्या करें
डॉक्टर परामर्श जरूर करवाए । डॉक्टर परामर्श होने के बाद ही मरीज को इलाज़ के लिए योजना के अंतर्गत भर्ती करना संभव हो पायेगा।
योजना के अंतर्गत केवल भर्ती रहने पर ही इलाज मुफ्त होता है ।
इलाज के लिए मरीज को जाँचे भर्ती से पूर्व करवाना अनिवार्य है। बिना जाँचो के प्री अप्रूवल लेना संभव नहीं है। जाँच में X-RAY, CT, USG या MRI है तो इनकी रिपोर्ट और फिल्म होना ज़रूरी है, साथ ही संबंधित डॉक्टर के हस्ताक्षर एवं सील के साथ डॉक्टर का रजिस्ट्रेशन नंबर होना भी अनिवार्य है।
मरीज का जनाधार कार्ड और आधार कार्ड होना अनिवार्य है एवं जनाधार कार्ड में आधार कार्ड नंबर के साथ-साथ आधार कार्ड में बायोमेट्रिक व मोबाइल नंबर भी अपडेट होना अनिवार्य है।
योजना का लाभ केवल MMCSBY अनुमोदित अस्पताल में ही लिया जा सकता है ।
क्या न करें
OPD में चिरंजीवी के अंतर्गत कैशलेस सुविधा नहीं दी जाती है।
अपरिपूर्ण जाँचो एवं डॉक्टर की पर्ची के साथ चिरंजीवी योजना के तहत इलाज संभव नहीं है।
चिरंजीवी योजना के तहत मरीज का इलाज निशुल्क होता है। इसमें मरीज को किसी भी प्रकार की राशि जमा करवाने की आवश्यकता नहीं होती है।
जनाधार, आधार और मेडिकल डाक्यूमेंट्स में मरीज का नाम एक ही होने चाहिए, अलग-अलग दर्ज़ न करवाए।
इस योजना के अंतर्गत इलाज लेने के लिए मरीज को धैर्य रखना आवश्यक है क्योकि इसमें अस्पताल को दस्तावेजों की प्रक्रिया में समय लग सकता है। किसी भी प्रकार की हिंसा अस्पताल कर्मचारियों के साथ न करे।
जीत हॉस्पिटल के गुर्दा एवं मूत्र रोग विभाग में विशेषज्ञ चिकित्सक और स्वास्थ्य सेवा प्रदानकर्ता मूत्रपथरी के निदान, उपचार, और रोकथाम में अग्रणी हैं। इस विभाग में, रोगीयों को व्यापक देखभाल प्रदान की जाती है और जीत हॉस्पिटल ने राज्य के कई नागरिकों को चिरंजीवी योजना के तहत मुफ्त पथरी के इलाज में सहायता प्रदान की है।
यह अस्पताल सभी प्रकार की बीमारियों के इलाज में निपुण है और इस योजना के तहत कई मरीजों को नई आशा दिलाई है। चिरंजीवी योजना के अंतर्गत मुफ्त पथरी के इलाज के लिए, आप जीत हॉस्पिटल से इस नंबर पर संपर्क कर सकते हैं: 9950059980