मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना: योग्यता और आवेदन प्रक्रिया
राजस्थान में, स्वास्थ्य सेवाओं की पहुँच और गुणवत्ता में वृद्धि करने के लिए सरकार द्वारा विभिन्न योजनाओं को लागू किया गया है। इनमें से एक प्रमुख योजना है 'मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना'। जो पहले "मुख्य मंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बिमा योजना" के नाम से जानी जाती थी। यह योजना विशेष रूप से उन व्यक्तियों और परिवारों के लिए है जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं और जिनके पास स्वास्थ्य बीमा की सुविधा नहीं है। इस योजना के तहत, पात्र व्यक्तियों को मुफ्त में स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जाती हैं।
मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना के अंतर्गत इलाज़ के लिए योग्यता मापदंड:
आय सीमा: आम तौर पर, योजना के लिए पात्रता के लिए आवेदक की आय एक निश्चित सीमा से कम होनी चाहिए।
सामाजिक श्रेणी: अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, और अन्य पिछड़े वर्गों के लोगों को प्राथमिकता दी जा सकती है।
विशेष समूह: बुजुर्ग लोग, विकलांग व्यक्ति, महिलाएं और बच्चे जैसे विशेष समूहों को योजना के तहत कवरेज प्रदान किया जा सकता है।
मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना के अंतर्गत इलाज़ के लिए निम्नलिखित दस्तावेज आवश्यक हैं:
जनाधार कार्ड: मरीज के पास वैध जनाधार कार्ड होना चाहिए। इसे सीएमएचओ विभाग से संपर्क करके सत्यापित करना होगा।
आधार कार्ड: आधार कार्ड की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए मरीज को चिरंजीवी काउंटर पर स्वास्थ्य मार्गदर्शक को सूचित करना होगा।
डॉक्टर की पर्ची: इसमें मरीज की बीमारी का निदान, शिकायत इतिहास, पिछली बीमारियों की जानकारी, सर्जरी का विवरण, चिरंजीवी कोड, डॉक्टर की मुहर (RMC No.) और हस्ताक्षर शामिल होने चाहिए।
चिकित्सा जांच: मरीज को सर्जरी के लिए आवश्यक चिकित्सा जांच (जैसे एंजियोग्राफी, 2D इको, USG, CT, MRI और ईसीजी) करवानी होगी। बिना इन जांचों के चिरंजीवी योजना के तहत इलाज संभव नहीं है।
नाम की समानता: जन आधार, आधार और मेडिकल दस्तावेजों में मरीज का नाम एक ही होना चाहिए। अगर नाम मेल नहीं खाते हैं, तो मरीज को एक एफिडेविट जमा करना होगा।
मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना के अंतर्गत इलाज़ के लिए आवेदन की प्रक्रिया:
पहले चरण में, मरीज के द्वारा प्रस्तुत किए गए चिकित्सा दस्तावेजों की जांच की जाती है। इनमें डॉक्टर की पर्ची, बीमारी संबंधित जांच रिपोर्ट्स, डॉक्टर के हस्ताक्षर और सील, तथा डॉक्टर का रजिस्ट्रेशन नंबर (RMC) शामिल होना चाहिए।
चिरंजीवी योजना में विभिन्न बीमारियों के उपचार की सुविधा है। मरीज को अस्पताल में भर्ती होने से पहले आवश्यक जांचें करवानी होती हैं। इको और अन्य रेडियोलोजी रिपोर्ट्स के साथ उनकी फिल्में भी अनिवार्य हैं। बीमारियों और आवश्यक जांचों की सूची चिरंजीवी की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध है।
अस्पताल में भर्ती के समय, मरीज की फोटो और बायोमेट्रिक विवरण लिए जाते हैं। इसके बाद, मरीज के दस्तावेज पोर्टल के माध्यम से चिरंजीवी योजना के लिए भेजे जाते हैं। आमतौर पर, प्री-अप्रूवल मिलने के बाद ही मरीज का उपचार शुरू होता है। अप्रूवल प्राप्त करने का समय आमतौर पर 2 से 4 घंटे होता है, लेकिन अधिकतम 12 घंटे तक हो सकता है। इस पूरी प्रक्रिया में लगभग 15 से 20 मिनट का समय लगता है।
डिस्चार्ज के समय, अस्पताल द्वारा मरीज के दस्तावेज तैयार किए जाते हैं, जिन्हें मरीज की लाइव फोटो और डॉक्टर के साथ मरीज की फोटो के साथ भी मरीज की फोटो पोर्टल पर अपलोड की जाती है। साथ ही मरीज का फीडबैक फॉर्म मरीज द्वारा भरवाकर उसे पोर्टल पर अपलोड किया जाता है।
मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना के तहत जीत हॉस्पिटल में मुफ्त उपचार और निःशुल्क दवाइयों की सुविधा प्रदान की जाती है। यह योजना आम जनता को स्वास्थ्य सेवाओं तक आसान पहुँच प्रदान करती है और उन्हें आर्थिक बोझ से मुक्ति दिलाती है। पात्र व्यक्तियों को योजना के तहत आवेदन करने की प्रक्रिया को ध्यान से समझना चाहिए और जरूरतमंदों को इसका लाभ उठाने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए। जीत हॉस्पिटल की इस पहल से न केवल रोगियों को उचित उपचार मिलता है, बल्कि यह समाज में स्वास्थ्य जागरूकता और समर्थन को भी बढ़ावा देता है। जीत हॉस्पिटल में मुख्या मंत्री आरोग्य योजना के अंतर्गत मुफ्त इलाज की अधिक जानकारी के लिए इस नंबर 9950059980 पर संपर्क कर सकते है।